खेती-किसानी में सहयोग और बढ़ाने पर सहमति
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ आगे भी सहयोग करने एवं इजराइल के पास उपलब्ध नई तकनीकों को उपलब्ध कराने की पेशकश की.
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से कृषि भवन में मुलाकात की.
तोमर ने भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने पर प्रसन्नता जताई और 12 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केंद्रों के कामकाज पर संतोष व्यक्त किया.
इन उत्कृष्टता केंद्रों में 25 मिलियन से अधिक सब्जी के पौधे, 3.87 लाख से अधिक गुणवत्ता वाले फल-पौधों का उत्पादन हो रहा है.
इनमें हर साल प्रति वर्ष 1.2 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि इजराइल की तकनीकी सहायता से उत्कृष्टता केंद्रों के आसपास के 150 गांवों को उत्कृष्टता गांवों में बदलने का निर्णय लिया गया है.
जिनमें से भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में पहले वर्ष में 75 गांवों को लिया जा रहा है, जहां भारत व इजराइल कृषि और बागवानी के क्षेत्र में एक साथ काम करेंगे.
तोमर ने उन विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला, जो भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के कल्याण के लिए शुरू की गई हैं, जिनमें पीएम-किसान, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, 10 हजार एफपीओ के गठन, जैविक व प्राकृतिक खेती और मृदा स्वास्थ्य कार्ड को बढ़ावा देने की स्कीम शामिल हैं.
नई तकनीकों को उपलब्ध कराने की पेशकश
इजरायल के राजदूत गिलोन ने उत्कृष्टता केंद्रों के कामकाज पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि ये सब दोनों देशों के बीच सहयोग का एक बड़ा उदाहरण हैं.
राजदूत ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों के कामकाज की सराहना की और आईसीएआर के साथ आगे भी सहयोग करने तथा इजराइल के पास उपलब्ध नवीनतम तकनीकों को उपलब्ध कराने की पेशकश की.
राजदूत ने किसानों को दी जा रही सेवाओं के मानकों व गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के प्रमाणन का प्रस्ताव रखा.
उन्होंने मंत्री तोमर को इजराइल आने का निमंत्रण भी दिया.
तोमर ने राजदूत के प्रस्तावों की सराहना करते हुए इन पर काम करने के लिए सहमति प्रदान की और सहयोग के लिए राजदूत व इजरायल के अधिकारियों को धन्यवाद दिया.
कृषि क्षेत्र में हमारा बड़ा सहयोगी है इजराइल
भारत में खेती-किसानी की तरक्की में इजराइल का बड़ा योगदान है. सब्जियों एवं फलों के लिए उसके सहयोग से कई उत्कृष्टता केंद्र भारत में चल रहे हैं.
हरियाणा में इसके कई प्रोजेक्ट हैं. जिससे भारतीय किसानों को काफी कुछ सीखने को मिल रहा है.
भारत और इजराइल के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग का उदाहरण दिल्ली स्थित पूसा कैंपस में भी देखा जा सकता है.
संरक्षित कृषि प्रौद्योगिकी केंद्र बना हुआ है. इसकी शुरुआत 1996 में हुई थी.
कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस समय देश में सब्जियों एवं फलों के करीब 30 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस चल रहे हैं.
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