देशभर में मशहूर मध्य प्रदेश के निमाड़ की मिर्च वायरस को चकमा देकर एक बार फिर उठ खड़ी हुई और निमाड़ के सैकड़ों गांवों में किसानों के खेत, खलिहान और आंगनों को सुर्ख लाल कर रही है।
भरपूर पैदावार और 150 से 200 रुपये किलो तक के भाव ने कई किसानों को मालामाल बना दिया है। मिर्च ने निमाड़ की मिर्च मंडियों में भी रौनक भर दी है। चीन, पाकिस्तान, मलेशिया और सऊदी अरब तक जा रही है।
नागपुर के संतरे, कोटा स्टोन व आंध्रप्रदेश के गुंटुर की गुंटुर मिर्च की तरह ही यहां की मिर्च निमाड़ी ब्रांड के नाम से जानी जाएगी।
कसरावद में 29 फरवरी से हो रहे दो दिनी मिर्च महोत्सव में क्षेत्र की मिर्च को निमाड़ी ब्रांड की पहचान मिलेगी। शनिवार-रविवार को नामकरण तय हो जाएगा।
विशेषज्ञों व वरिष्ठ विभागीय अफसरों का कहना है देश-विदेश में स्थानीय पहचान के उत्पाद तेजी से पहचान बना लेते हैं। इसलिए निमाड़ी मिर्च को भी उसके क्षेत्र के नाम से ही पहचान दिलाई जाना ज्यादा बेहतर होगा।
संयुक्त संचालक कृषि इंदौर आरएस सिसौदिया बताते हैं क्षेत्र के नाम से उत्पाद को जल्दी पहचान मिलती है। उद्यानिकी उपसंचालक केके गिरवाल का कहना है मिर्च महोत्सव में फसल की ब्रांडिंग ही प्राथमिकता में शामिल है।
तकनीकी व बाजार संबंधी जानकारी भी मिलेगी। हालांकि मिर्च को निमाड़ी ब्रांड देना जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ कृषि अफसर ही तय करेंगे। निमाड़ क्षेत्र में मिर्च उत्पादक बहुल खरगोन, धार, खंडवा, बड़वानी व आलीराजपुर आते हैं।
ज्वार की रोटी और अमाड़ी की भाजी के स्टाल लगेंगे
महोत्सव में लगभग 30 हजार किसान व 150 से ज्यादा कृषि कंपनी प्रतिनिधि व विशेषज्ञ पहुंचेंगे। कसरावद में दो डोम तैयार किए जा रहे हैं। मिर्च की देशभर की वैरायटी के स्टॉल के अलावा पारंपरिक मिर्च व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगेगी। मक्का व ज्वार की रोटी व अमाड़ी की भाजी भी होगी।
सबसे ज्यादा बुआई निमाड़ में
जिला | रकबा (हैक्टेयर) | उत्पादन (मैट्रिक टन) |
खरगोन | 25369 | 64200 |
धार | 18535 | 25215 |
खंडवा | 5439 | 15229 |
बड़वानी | 5182 | 08291 |
आलीराजपुर | 2015 | 05723 |
निमाड़ | 56540 | 118658 |
प्रदेश में | 87743 | 218307 |
खरगोन जिला मिर्च उत्पादन में अव्वल
- खरगोन जिले के अवरकच्छ गांव के राजेंद्र कन्हैयालाल ने इस साल 17 एकड़ में मिर्च बोई है। वे बताते हैं कि अब तक हरी और लाल मिलाकर करीब 60 लाख रुपये की मिर्च बेच चुके हैं और उत्पादन जारी है। भाव ठीकठाक रहे तो आंकड़ा एक करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।
- मरदाना गांव के किसान सालिगराम चौधरी के 20 एकड़ रकबे में करीब 1 करोड़ रुपये की मिर्च आ चुकी है और पैदावार जारी है। बेड़िया की रोहिणी दादूराम भी मिर्च का बेहतर उत्पादन करती हैं।
- खरगोन जिले का घुघरियाखेड़ी गांव इस समय मिर्च उत्पादन में सबसे अव्वल है। गांव के किसान गोविंद यादव बताते हैं कि इस साल गांव में 2500 एकड़ में मिर्च बोई गई है। कई किसानों के यहां एक एकड़ पर 3-4 लाख रुपये की मिर्च भी पैदा हुई है।
कसरावद, सनावद, भीकनगांव क्षेत्र के झिरन्या, कालदा, बोरूद, सिराली, मरदाना, बामंदी, खामखेड़ा, ऊन, सेगांव, केली जैसे गांवों में कई किसान मिर्च उत्पादन के रोल मॉडल बन चुके हैं।
मिर्च महोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ. विजय अग्रवाल बताते हैं कि प्रदेश के किसान अब ड्रिप और प्लास्टिक मल्चिंग से खेती कर रहे हैं। इसमें वायरस पर नियंत्रण रहता है। मिर्च की बेहतर पैदावार और भाव मिलने से आने वाले साल में मिर्च का रकबा बढ़ने की पूरी संभावना है।
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मिर्च मंडी : खरगोन जिले के बेड़िया में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मिर्च मंडी है। आंध्रप्रदेश के गुंटूर पहले नंबर पर है।
निमाड़ी मिर्च की ब्रांडिंग,हर दिन आएंगे 20 हजार किसान
मध्य प्रदेश के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सचिन यादव ने बताया कि मिर्च महोत्सव व्यापारियों, निवेशकों, निर्यातकों के साथ ही किसानों के लिए बड़ा अवसर है। हमारा उद्देश्य निमाड़ी मिर्च की ब्रांडिंग करना है। खरगोन कलेक्टर गोपालचंद डाड के मुताबिक मिर्च महोत्सव में हर दिन आसपास के छह जिलों के लगभग 20 हजार किसान शामिल होंगे। महोत्सव में मिर्च आधारित व्यंजनों के स्टॉल भी लगेंगे।
source : media report