गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष राज्य में खरीफ बुवाई पिछड़ गई है।
मानसून की खेंच को इसका कारण माना जा रहा है।
अब तक लगभग 103.77 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई है, जबकि गत वर्ष अब तक 111.53 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो गयी थी।
अर्थात् गत वर्ष इस समय तक लक्ष्य के विरुद्ध 71 फीसदी बोनी हो गई थी जो इस वर्ष 69 फीसदी हुई है।
वहीं राज्य में मानसूनी वर्षा भी 16 प्रतिशत कम हुई है। मौसम विभाग मुताबिक राज्य में 23 जुलाई तक 344.5 मि.मी. सामान्य वर्षा के विरुद्ध 290.5 मि.मी. वर्षा हुई है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य में खरीफ फसलों का सामान्य क्षेत्र 118.50 लाख हेक्टेयर है।
इस वर्ष 149.29 लाख हेक्टेयर में फसलें लेने का लक्ष्य रखा गया है। इसके विरुद्ध अब तक 103.77 लाख हेक्टेयर में बोनी हो गई है।
इसमें राज्य की प्रमुख तिलहनी फसल सोयाबीन की बोनी 45.15 लाख हेक्टेयर में कर ली गई है जबकि लक्ष्य 61.65 लाख हेक्टेयर रखा गया है।
प्रमुख फसलो की बुवाई स्तिथि
राज्य की दूसरी प्रमुख खरीफ फसल धान की बोनी अब तक 17.45 लाख हेक्टेयर में हुई है जो गत वर्ष इस समय तक 11.66 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी।
इसी प्रकार प्रदेश में अब तक मक्का 14.54 लाख हे. में, तुअर 3.29, उड़द 10.55, मूंगफली 2.72 एवं तिल 1.43 लाख हे. में तथा कपास की बुवाई 5.72 लाख हेक्टेयर में की गई है।
जानकारी के मुताबिक राज्य में अब तक कुल खाद्यान्न फसलें 33.78 लाख हेक्टेयर में, कुल दलहनी फसलें 14.94 लाख हेक्टेयर में एवं कुल तिलहनी फसलें 49.34 लाख हेक्टेयर में बोई गई है।
मध्य प्रदेश में प्रमुख फसलों की बुवाई स्थिति | ||
19 जुलाई 2021 तक (लाख हे. में) | ||
फसल | लक्ष्य | बुवाई |
धान | 33.46 | 17.45 |
ज्वार | 1.5 | 0.98 |
मक्का | 14.92 | 14.54 |
अरहर | 3.82 | 3.29 |
उड़द | 13.84 | 10.55 |
सोयाबीन | 61.65 | 45.15 |
मूंगफली | 3.27 | 2.72 |
तिल | 4.31 | 1.43 |
कपास | 6.07 | 5.72 |
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