जल्द ही खेतो के ऊपर दिखेंगे ड्रोन
देश में बहुत जल्द खेती के दिन बदलने वाले हैं. आपको जहां-तहां खेतों के ऊपर ड्रोन उड़ते दिख सकते हैं.
इसकी वजह सरकार ने स्वदेशी कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस के ‘किसान ड्रोन’ को एक अहम मंजूरी दे दी है।
कुछ साल पहले देश में जब तिलचट्टों का हमला हुआ था, तब सरकार ने देशभर में खेती को बचाने के लिए ड्रोन की मदद ली थी.
अब बहुत जल्द ड्रोन से खेती आम बात हो सकती है. देश के खेत-खलिहानों में आपको कहीं भी ड्रोन उड़ते दिख सकते हैं.
इसकी वजह स्वदेशी कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस के ‘किसान ड्रोन’ को सरकार से एक अहम मंजूरी मिलना है।
ड्रोन बनाने वाली कंपनी गरुड़ एयरोस्पेस को स्वदेशी किसान ड्रोन के लिए एविएशन सेक्टर के रेग्युलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) से ‘टाइप सर्टिफिकेशन’ और ‘आरपीटीओ’ (रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन) मंजूरी मिल गई है.
GA-AG मॉडल के लिए मिला सर्टिफिकेशन
गरुड़ एयरोस्पेस ने रविवार को एक बयान में कहा कि किसान ड्रोन को खेती से जुड़े कामों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.
इसके जीए-एजी मॉडल के लिए टाइप सर्टिफिकेशन मिला है. डीजीसीए ये सर्टिफिकेट क्वालिटी चेक के आधार पर देती है.
इसे ड्रोन (मानव रहित विमान) की सख्त जांच के बाद ही जारी किया जाता है.
वहीं रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन डीजीसीए से मान्यता प्राप्त संगठन है जो ड्रोन नियम-2021 के नियम-34 के तहत रिमोट पायलट प्रमाणपत्र देता है.
Make in India का सबूत किसान ड्रोन
किसान ड्रोन को डीजीसीए से दोनों तरह के सर्टिफिकेशन मिलने पर गरुड़ एयरोस्पेस के फाउंडर अग्निश्वर जयप्रकाश ने कहा कि डीजीसीए दोनों सर्टिफिकेट देना, असल में भारत की स्वदेशी, मेड इन इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग क्षमताओं का सबूत है.
हमारे पास अगले पांच महीने के भीतर 5,000 ड्रोन बनाने की डिमांड भी है.
उन्होंने कहा कि अब ये मंजूरी मिलने के बाद हमें भरोसा है कि इस सेक्टर में ग्रोथ होगी. वहीं अनिवार्य स्किल का सही से उपयोग भी हो सकेगा.
किसान ड्रोन से बदलेगी खेती-किसानी
- किसान ड्रोन की उपयोगिता के बारे में अग्निश्वर जयप्रकाश ने कहा कि उनकी कंपनी के ड्रोन किसानों के साथ-साथ कृषि उद्यमियों के भी काम आएंगे. ये उनकी जिंदगी को बदलेगा.
- वहीं नई पीढ़ी के करियर को भी जगह देगा.
- किसान ड्रोन खेती से जुडे़ कई काम करने में सक्षम होता है.
- जैसे कीटनाशक के एक समान छिड़काव, फसलों की निगरानी, भूमि से जुड़े आंकड़े जुटाने और डेटा के संग्रह इत्यादि के काम आता है.
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