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क्या है ये DBT योजना……..?

 

जिस वजह से अब किसानों के चेहरे पर आ रही है खुशी

 

किसानों के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनसे किसानों को फायदा मिल रहा है.

 

इसमें एक डीबीटी स्कीम भी शामिल है, जिसकी वजह से किसानों को काफी फायदा हो रहा है.

 

केंद्र सरकार की ओर किसानों के हित के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. साथ ही किसानों के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनसे किसानों को फायदा मिल रहा है. इसमें एक डीबीटी स्कीम भी शामिल है, जिसकी वजह से किसानों को काफी फायदा हो रहा है.

इससे किसानों को उनके हक का पैसा सीधे उनके अकाउंट में पहुंच रहा है और उन्हें बिना किसी दिक्कत के पैसे मिल रहे हैं. इस खास स्कीम से अब किसान काफी खुश हैं और अपनी खुशी भी जाहिर कर रहे हैं.

 

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ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये स्कीम क्या है और किस तरह इस स्कीम का फायदा किसानों को मिल रहा है.

किसानों के अलावा भी कई लोगों को इस खास स्कीम का फायदा मिल रहा है. यह स्कीम कुछ राज्यों में लागू है, जिसका कई लोग फायदा उठा रहे हैं. 

 

क्या है डीबीटी स्कीम ?

इस स्कीम का नाम है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे कि यह स्कीम किस काम के लिए है. दरअसल, इस स्कीम के जरिए कोई भी सरकारी लाभ को सीधे व्यक्ति के खाते में पहुंचाया जा रहा है.

सीधे शब्दों में कहें तो केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली मदद अब सीधे खाते में जमा हो रही है, इसके लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. साथ ही इससे बिचौलिए और दलाल की जरूरत नहीं पड़ती और आपका संपर्क सीधे सरकार से होता है.

 

जैसे सरकार की ओर से कई सब्सिडी दी जा रही है. इससे वो सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं. इसी तरह किसानों को भी पैसे सीधे खाते में मिल रहे हैं, जो डीबीटी की वजह से संभव है.

इस विकल्प में केंद्र सरकार लाभार्थियों के हाथ में पैसे न देकर उनकी तरफ से उस एजेंसी या संस्था को पैसे ट्रांसफर करती है जो प्रोडक्ट या सर्विस इन लाभार्थियों तक कम कीमत में पहुंचा रहे हैं.

 

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किसानों को मिल रहा है एमएसपी का पैसा

इस स्कीम के तहत किसानों को एमएसपी पर बेची गई उपज के पैसे बैंक खाते में दिए जा रहे हैं. इस निर्णय से छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होंगे, खासकर वैसे किसान जो साहूकारों और आढ़तियों के जंजाल में फंसे हैं.

उपज का दाम सीधे बैंक खाते में जाने का लाभ उन किसानों को भी मिलेगा जो किराये पर जमीन लेकर खेती करते हैं.

इस स्कीम के तहत सिस्टम में पारदर्शिता आने से किसान अब किसी के बहकावे में नहीं आएंगे और उपजों का उचित मूल्य पा सकेंगे.

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के अंतर्गत कई तरह की प्रक्रिया होती है, जिसे केंद्र सरकार अपने स्तर पर मैनेज करती है.

 

हाल ही में पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में किसानों को एमएसपी के तरह बेची गई फसल के पैसे सीधे खाते में मिल रहे हैं.

DBT का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी तरह के फ्रॉड की कोई गुंजाईश नहीं रहती है. जब लाभार्थी के खाते में सरकार सीधे तौर पर पैसे ट्रांसफर करती है तो इसमें बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं रहती है.

 

क्या है DBT की प्रक्रिया ?

DBT के तहत योजना का लाभ देने से पहले पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) रजिट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है.

इसके बाद लाभार्थियों का डेटाबेस तैयार किया जाता है. इसके बाद इसे वेरिफाई किया जाता है और फिर DBT के तहत लाभार्थी के खाते में कई तरह से पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं.

 

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