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लॉकडाउन में विदेश की नौकरी छोड़ इस खास तरह से की खेती

 

अब होती है अच्छी कमाई

 

रामपाल पाटीदार अफ्रीका में दो साल से काम कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें खेती में अच्छा भविष्य दिख रहा है. दरअसल, पहले रामपाल ने कभी खेती के बारे में नहीं सोचा था.

 

पिछले साल कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन से लोगों की आर्थिक स्थिति पर काफी फर्क पड़ा था.

कई लोगों को अपनी नौकरियां खोनी पड़ी थी और कई लोग शहर छोड़कर अपने गांव फिर लौट गए थे.

हालांकि, इस दौरान कई लोगों को कहानियां ऐसी है, जिन्होंने इस आपदा को अवसर में तब्दील किया और अब अच्छा काम कर रहा है.

ऐसी ही कहानी है मध्य प्रदेश के आगर आगर मालवा के रहने वाले रामपाल पाटीदार की. रामपाल पहले विदेश में नौकरी कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्होंने आधुनिक तरीके से खेती शुरू की और अब वो खेती के जरिए काफी अच्छे पैसे कमा रहे हैं.

 

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ऐसे में जानते हैं कि रामपाल पाटीदार ने किस तरह से खेती की और अब वो किस तरह से अच्छा पैसा कमा रहे हैं.

साथ ही बताते हैं कि उनकी कहानी, जिन्होंने विदेश की नौकरी से खेती को सही ऑप्शन माना और उसके बाद से खेती से अच्छा पैसा कमा रहे हैं.

 

खेती का मन कैसे हुआ ?

डीडब्ल्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार, रामपाल पाटीदार अफ्रीका में दो साल से काम कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें खेती में अच्छा भविष्य दिख रहा है.

दरअसल, पहले रामपाल ने कभी खेती के बारे में नहीं सोचा था. हालांकि, पिछले साल रामपाल छुट्टियों में भारत आए थे और उस दौरान कोरोना की वजह से यहां लॉकडाउन लग गया था.

उस दौरान वो अपने खेतों में जाते थे, जहां उनके पिता पारंपरिक खेती करते हैं. इसके बाद उन्होंने सोचा कि यहां इस पारंपरिक खेती के अलावा आधुनिक तरीके से खेती की जाए, जिससे लागत कम और लाभ ज्यादा हो.

इसके बाद उन्होंने हाईब्रिड खेती की ओर रूख किया.

 

किस तरह खेती की ?

उन्होंने हाईब्रिड तरीके से खेती की, जो पारंपरिक खेती से बिल्कुल अलग थी. उन्होंने आधुनिक तरीके से जैविक खेती शुरू की यानी उनके खेत में उग रही सब्जियां रसायनिक खादों से दूर हैं और इस वजह से उनकी सब्जियों की भी काफी डिमांड हो रही है.

अब उनके खेत में उग रही सब्जियां आसानी से बिक रही है और स्वास्थ्य की वजह से जैविक सब्जियों की ओर रूख कर रहे लोग रामपाल से सब्जियां खरीद रहे हैं.

 

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पहले उनके खेतों में सोया, चने और गेंहूं की खेती होती थी. इसके बाद अब रामपाल की वजह से यहां अब केले, अमरूद, लहसून, टमाटर, बैंगन की जैविक खेती हो रही है और सेहत की जागरुक की वजह से तुरंत बिक जाती है.

उन्होंने आधुनिक तरीके से एक के बाद एक फसल की खेती की और अब वो लगातार अच्छा काम किया. हालांकि, शुरुआत में उन्हें पानी की वजह से दिक्कत आई तो उन्होंने ड्रॉप विधि से सिंचाई शुरू की.

 

साथ ही वो अपने खेत के लिए खाद भी खुद ही तैयार करते हैं. वे गुड़, गोबर, नीम और पत्तों से खाद तैयार करते हैं और उसी का इस्तेमाल करते हैं.

इससे ना सिर्फ खर्चा कम हुआ और इसका जमीन को नुकसान नहीं होता. पहले रासायनिक खाद से जमीन को काफी नुकसान होता था, लेकिन अब उनकी मेहनत से ना सिर्फ वो अच्छा बिजनेस कर रहे हैं, बल्कि अपनी जमीन की भी रक्षा कर रहे हैं.

 

अब मछली पालन की कर रहे हैं तैयारी

खेती में अच्छा बिजनेस कर रहे रामपाल ने अब तालाब खुदवाए हैं और अब मछली पालन की तैयारी कर रहे हैं.

अब रामपाल इंडोनेशियन तकनीक से मछली पालन कर रहे हैं और उम्मीद है कि वो इससे भी अच्छा बिजनेस करने में सफल होंगे.

 

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