करेले सबसे महंगे
कभी मुफ्त में मिलने वाले माल करेले अथवा ग्रामीण भाषा में किकोड़ा फल वर्तमान में ₹200 किलो तक बिक रहा है|
बारिश के दिनों में पहाड़ी क्षेत्र या विशेषकर मालवा निमाड़ क्षेत्र में खेतों के किनारे किनारे सावन के महीने में किकोड़ा फल आसानी से मिल जाते थे|
जिसकी सब्जी स्वादिष्ट बनने के साथ-साथ पौष्टिक भी रहती है आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में इसका बहुत अधिक महत्व है|
माना जाता है कि इसके उपयोग से शरीर में वर्ष भर तापमान नियंत्रित रहता है तथा स्वास की बीमारी जड़ से खत्म हो जाती है|
लोग हाथों हाथ इसे खरीद रहे
वर्तमान समय में कहीं-कहीं पर दिखाई देने वाली यह सब्जी ₹ ₹150 किलो से लेकर 200 प्रति किलो तक आसानी से बिक जाती है लोग हाथों हाथ इसे खरीद रहे है|
वरिष्ठ कृषक मूलचंद पाटीदार, बद्री बछानिया, ने बताया कि मूल रूप से यह फल खेतो के आसपास लगी बागर में ही फलता फूलता है|
लेकिन कीटनाशक दवाइयों के उपयोग से इसका कंद खत्म हो गया है तभी इसकी कमी आ गई|
वास्तव में इसका कंद जहां पर लगा रहता है वहां पर वर्ष में बारिश के दिनों में अपने आप इसकी पैदावार आ जाती है|
यह सब्जी खाने के अनेक फायदे
चिकित्सक हेमंत पटेल ने बताया इसका वास्तविक गुण सामान्य करेले से भिन्न है|
यह ब्लड प्रेशर और शुगर में फायदेमंद है स्वाद में कड़वापन रहने के साथ-साथ यह रेशेदार सब्जी है इसमें बारीक बारीक रोम फाइबर का काम करते हैं|
जो ब्लड सरकुलेशन को उचित बनाने में सहायक रहते हैं इस सब्जी का उपयोग वर्ष में एक या दो बार हो जाना चाहिए|
सोशल मीडिया पर इसके अनेक फायदे दिखाए जाने के चलते इसकी मांग बढ़ गई है लोग हाथों हाथ इसे खरीद लेते हैं|
आदिवासी समुदाय के लोग इसकी पहचान रखते हैं उन्हें जानकारी रहती है|
यह कहां पर पैदावार होगी उस स्थान से तोड़ लेते हैं कुछ लोग व्यवसायिक रूप से भी लगाने लगे हैं|
– सुनिल योगी
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