बौछारें पड़ सकती हैं
जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, भोपाल, हाशंगाबाद, इंदौर एवं उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
प्रदेश में लौटता मानसून अब भी कुछ हिस्सों को बारिश से तर कर रहा है।
पिछले 24 घंटों दौरान इंदौर एवं होशंगाबाद संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, भोपाल एवं उज्जैन संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर रुक-रुककर बारिश हुई।
इसके अलावा रीवा, शहडोल, जबलुर, सागर एव चंबल संभागों के जिलों में भी कहीं-कहीं हल्की बारिश दर्ज की गई।
ग्वालियर संभाग के जिलों का मौसम मुख्यत: शुष्क रहा।
प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 36 डिग्री सेल्सियस ग्वालियर एवं खजुराहो में दर्ज किया गया।
बौछारें पड़ सकती हैं, रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं
मौसम विभाग के मुताबिक अगले चौबीस घंटों में जबलपुर, ग्वालियर, चंबल, भोपाल, हाशंगाबाद, इंदौर एवं उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
इसके अलावा अनूपपुर, डिंडोरी, पन्ना, दमोह एवं सागर जिले में बारिश का अनुमान है।
होशंगाबाद एवं इंदौर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर व जबलपुर, रीवा शहडोल, सागर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं फुहारें पड़ सकती हैं।
राजधानी भोपाल में के कुछ हिस्सों में शाम तक हल्की बारिश हो सकती है।
इस दौरान मौसम आंशिक रूप से मेघमय रहेगा। वहीं 14 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं।
मानसून की विदाई होने की भी संभावना है
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि दक्षिणी गुजरात पर बने सिस्टम के कारण अरब सागर से नमी आ रही है।
उधर वर्तमान में अधिकतम भी तापमान बढ़ा हुआ है। इस वजह से दोपहर के बाद प्रदेश के कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ रही हैं।
मंगलवार को गुजरात पर बना सिस्टम के राजस्थान की तरफ खिसक गया है।
इस सिस्टम के प्रभाव से वातावरण से नमी तेजी से कम होने लगेगी और बारिश की गतिविधियां थमने लगेगी।
छह अक्टूबर से राजस्थान के कुछ क्षेत्रों से मानसून की विदाई होने की भी संभावना है।
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