कलेक्टर श्री तरूण राठी द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास दमोह बीरन सिंह रैपुरिया ने बताया कि, वर्तमान समय में जिला दमोह में नीम कोटेड यूरिया की व्यवस्था की गई है।
कृषकगण भ्रमित न हो, फसलों के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।
उन्होंने बताया साधारण सफेद यूरिया का उपयोग कई व्यवसाय संभवत:यथा नकली दूध, मावा आदि के निर्माण में किया जाता है, जबकि नीम कोटेड यूरिया से ऐसा करना संभव नहीं है। जैसा कि हमें ज्ञात है कि, यूरिया से नत्रजन तत्व फसलों को प्राप्त होता है, 72 घण्टे के अंदर जितना पौधा नत्रजन ले सकता ले लेता है। शेष नत्रजन तेजी से नष्ट हो जाता है पौधे को प्राप्त नहीं हो पाता। यह नष्ट होने की प्रक्रिया डिनाईट्रीकरण, लीचिंग, वाष्पीकरण आदि से होती है।
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जबकि नीम कोटेड यूरिया धीरे-धीरे जल विलेय होता है तथा नत्रजन तत्व भी धीरे-धीरे निकलता है, जो कि पौधे के लिए हितकारी है। अर्थात् नत्रजन तत्व अधिकांश मात्रा में पौधें को लम्बे समय तक मिलता रहता है इसलिए कृषकों को नीम कोटेड यूरिया का उपयोग संतुलित मात्रा में ही ज्यादा लाभकारी है। कृषक नीम कोटेड यूरिया का उपयोग कर सकते है।
source : krishakjagat
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