भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसे में युवाओं को कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक जोड़ा जा सके इसके लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कड़ी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी कक्षाओं में कृषि, हॉर्टिकल्चर, मत्स्य पालन, डेयरी, पशुपालन आदि विषयों की पढ़ाई आरंभ की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह बात मंत्रालय में हुई सी.एम. राइज स्कूलों के संचालन की समीक्षा बैठक में कही।
मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की शालाओं में अध्यनरत विद्यार्थी अधिकांशत: खेती-बाड़ी की पृष्ठभूमि वाले परिवारों से आते हैं।
ऐसे में कृषि, हॉर्टिकल्चर, मत्स्य पालन, डेयरी, पशुपालन आदि विषयों पर पढ़ाई आरंभ करने से विद्यार्थियों का शालाओं से अधिक जुड़ाव होगा और अध्ययन-अध्यापन परिवार के लिए अधिक उपयोगी बन सकेगा।
सी.एम. राइज स्कूलों में इन विषयों की पढ़ाई प्राथमिकता पर आरंभ की जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इन कक्षाओं में संकाय व्यवस्था के स्थान पर विद्यार्थियों को अपनी रूचि व प्राथमिकता के आधार पर विषय चुनने की व्यवस्था भी की जाए।
यह व्यवस्था उच्च शिक्षा में लागू हो चुकी है, स्कूल स्तर पर यह व्यवस्था क्रियान्वित करने के लिए शिक्षाविदों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्था तथा विषय-विशेषज्ञों की टास्क फोर्स गठित की जाए।
प्रत्येक विकास खंड में खोले जाएं आई.आई.टी.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों तथा ग्रामीण अंचल में प्राथमिकता के आधार पर सी.एम. राइज स्कूल आरंभ किए जाएं तथा इन शालाओं में शिक्षकों व स्टाफ के लिए आवास की व्यवस्था आवश्यक रूप से सुनिश्चित की जाए।
इस संबंध में भारत सरकार से भी सहायता प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से प्रत्येक विकासखंड में एक आई.टी.आई. स्थापित करने की दिशा में प्रयास हों, जिन विकासखंडों में आई.टी.आई. नहीं है, वहां निजी क्षेत्र की पहल से सुविधा उपलब्ध कराने की रणनीति बनाई जाए।
आगामी इण्डस्ट्रियल समिट में भी इस दिशा में इच्छुक निवेशकों से चर्चा की जाए।
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