आने वाले दिनों में आलू-टमाटर के बाद प्याज भी रुला सकता है। अगले एक- डेढ़ माह में प्याज 30% महंगी हो सकती है। देशभर की अलग-अलग मंडियों में अभी प्याज 22-27 रुपए प्रति किलो है।
जुलाई के आखिर तक प्याज का थोक भाव 35 रुपए किलो तक जा सकते हैं। इसमें राहत की उम्मीद कम है, क्योंकि सरकार ने बफर स्टॉक बनाने के लिए किसानों से 5 लाख टन प्याज खरीदी का लक्ष्य रखा था।
लेकिन 10% तक भी लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी। ये लक्ष्य पूरा होना मुश्किल है क्योंकि जून में रबी सीजन के प्याज की आवक खत्म हो जाती है।
सरकारी प्याज खरीद टारगेट से 90% कम
दरअसल, बफर स्टॉक के लिए सरकारी एजेंसियां नैफेड और एसीसीएफ ने भाव 2,555 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो बाजार भाव से कम है।
इसके चलते किसान और व्यापारी सरकारी एजेंसियों को प्याज नहीं बेच रहे हैं। म हैं।
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भरत दिघोले ने कहा कि नेफैड ने जो रेट तय किया है, जो मंजूर नहीं।
सरकारी रेट मार्केट भाव से कम, ऐसे में किसानों-व्यापारियों ने रोका स्टॉक
देश में प्याज की कमी नहीं है। पर किसानों और व्यापारियों ने स्टॉक रोक रखा है।
यदि नैफेड जैसी एजेंसियां मार्केट भाव से ज्यादा दाम पर प्याज लें तो माल आने लगेगा।
बारिश के सीजन में प्याज में नमी बढ़ने से प्याज खराब होने लगती है। इससे सप्लाई प्रभावित होती है।
ऐसे में आगामी एक से डेढ़ महीने में प्याज की धोक कीमत 3500 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच सकती है। दिवाली के बाद ही राहत मिलने की उम्मीद है।
(दैनिक भास्कर)
(नोट : किसान स्वयं अपने विवेक से काम ले)
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