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आम की अच्छी पैदावार के लिए मंजर का ऐसे करें बचाव

आम की पैदावार पूरी तरह से मंजर पर निर्भर करती है.

ऐसे में किसानों को मंजर का बचाव जरूर करना चाहिए ताकि आम की अच्छी और बढ़िया पैदावार हो.

इसी क्रम में बिहार कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें किटनाशक बनाने और इसके छिड़काव करने का समय बताया गया है.

गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. गर्मी के मौसम में तरह-तरह के फल मार्केट में आने लगते हैं.

इसी मौसम में आम आते हैं. आम की बढ़िया पैदावार के लिए किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

आम के पेड़ में इस वक्त तक मंजर आने लगते हैं.

अगर पेड़ की सही से देखभाल ना की जाए तो इसमें दहिया और मधुआ कीट लगने की आशंका रहती है.

पेड़ों की सही से देखभाल हो सके इसके लिए बिहार बिहार कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. 

 

किसान इन बातों का रखें ध्यान

आम के पेड़ पर जितना ज्यादा मंजर होंगे उतनी ही अच्छी और बढ़िया पैदावार देखने को मिलेगी.

ऐसे में मंजर को बचाना बेहद जरूरी है. आम के मंजर को बचाने के लिए आपको समय-समय पर मंजर पर कीटनाशक का छिड़काव करना चाहिए.

आइए जानते हैं आम के मंजर पर कब-कब करना चाहिए कीटनाशक का छिड़काव.

 

मंजर पर तीन छिड़काव करने चाहिए

मंजर के बचाव के लिए किसानों को समय-समय पर इसकी देखरेख करते रहना चाहिए.

इसके लिए किसान को आम पर आए मंजर पर ये तीन छिड़काव करने चाहिए.

इन किटनाशकों का छिड़काव किसानों को मंजर के आकार के हिसाब से करना होता है.

 

पहले छिड़काव का समय

किसानों को मंजर निकलने के पहले पहला छिड़काव करना चाहिए.

इसकी शुरुआत एक कीटनाशक दवा के साथ करनी चाहिए.

छिड़काव इस तरह से करें कि कीटनाशक पेड़ की छाल की दरारों में पहुंच सके ताकि कीट पर इसका असर हो सके.

 

दूसरे छिड़काव का समय

मंजर जब सरसों के दाने के बराबर हो जाएं तब दूसरा छिड़काव करना चाहिए.

इसके लिए कीटनाशक के साथ, एक फफूंदनाशक मिलाकर छिड़काव करें.

ऐसा करने से मंजर को पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेकनोज रोग नहीं लगता है.

साथ ही किसान इस घोल में अल्फा नेपथाईल एसिटिक एसिड को भी मिला सकते हैं, ताकि रोग के चलते फल न गिरें और वह अच्छे से विकसित हों.

 

तीसरा छिड़काव का समय

जब आम के मंजर मटर के दाने के आकार के बराबर हो जाएं तब तीसरा छिड़काव करना चाहिए.

इसमें  कीटनाशक के साथ अल्फा नेपथाईल एसीटिक एसीड को मिला लें.

अब तैयार किटनाशक को फफूंदनाशी में मिलाकर छिड़काव करें. इससे कीट लगने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.

 

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