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फसलों की 17 बॉयोफोर्टीफाइड किस्मों को किया गया जारी

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प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में विकसित की गई फसलों की 17 बॉयोफोर्टीफाइड किस्मों को किया जारी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने Food and Agriculture Organization (FPO) की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में 16 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 75 रुपये मूल्य का स्मारक सिक्का जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने हाल ही में विकसित की गई फसलों की 17 किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया। यह सभी किस्में देश के कृषि वैज्ञानिकों ने हाल ही में विकसित की है |

प्रधानमंत्री ने कुपोषण खत्म करने के लिए हमारे किसान साथी, हमारे अन्नदाता और कृषि वैज्ञानिक तथा आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता को बधाई दी उन्होंने कहा की यह इस आंदोलन के आधार हैं। पोष्टिक फसलों को दिया जा रहा है बढ़ावा उन्होंने कहा की अब कुपोषण से निपटने के लिए महत्वपूर्ण दिशा में काम हो रहे हैं |

 

अब देश में ऐसी फसलों को बढ़ावा

दिया जा रहा है जिसमें पोष्टिक पदार्थ- जैसे प्रोटीन, आयरन, जिंक आदि होते हैं | मोटे अनाज- जैसे रागी, ज्वार, बाजरा, कोडो, झांगोरा, बार्री, कोटकी इन जैसे अनाज की पैदावार बढ़े, लोग अपने भोजन में इन्हें शामिल करें | उन्होंने वर्ष 2023 को International Year of Millets घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को पूरा समर्थन दिया है।

 

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अब तक देश में 70 बॉयोफोर्टीफाइड किस्में की गई विकसित

गेहूं और धान सहित अनेक फसलों के 17 नए बीजों की वैरायटी, देश के किसानों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। हमारे यहां अक्सर हम देखते हैं कि कुछ फसलों की सामान्य वैरायटी में किसी न किसी पौष्टिक पदार्थ या माइक्रो-न्यूट्रिएंट की कमी रहती है। इन फसलों की अच्छी वैरायटी, बॉयोफोर्टीफाइड वैरायटी, इन कमियों को दूर कर देती है, अनाज की पौष्टिकता बढ़ाती है।

बीते वर्षों में देश में ऐसी वैरायटीज, ऐसे बीजों की रिसर्च और डवलपमेंट में भी बहुत प्रशंसनीय काम हुआ है और मैं इसके लिए एग्रीकल्‍चर यूनिवर्सिटीज, सभी वैज्ञानिक, कृषि वैज्ञानिक, उनको बहुत बधाई भी देता हूं। आज अलग-अलग फसलों की 70 बॉयोफोर्टीफाइड किस्में किसानों को उपलब्ध हैं।

 

फसलों की 17 बायोफोर्टीफाइड किस्मों को किया गया जारी

प्रधानमंत्री ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाली कुछ फसलों की किस्मों का उल्लेख करते हुए कहा की व्यापक पैमाने पर फसलों में पोषण की कमी को ध्यान में रखते हुए बायोफोर्टीफाइड किस्मों का विकास किया गया है, जिससे इन पोषक तत्वों की भरपाई की जा सके।

उन्होंने कहा कि गेहूं और धान समेत अनेक स्थानीय और पारंपरिक फसलों की 17 बायोफोर्टीफाइड किस्मों के बीज आज से किसानों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह पोषण अभियान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

  • गेहूं– एचआई-1633 (HI 1633), एचडी-3298 (HD-3298), डीबीडब्ल्यू-303 (DBW-303) और एमएसीएस-4058 (MACS-4058).
  • चावल– सीआरधान-315 (CR Dhan-315).
  • मक्का– एलक्यूएमएच-1 (LQMH-1), एलक्यूएमएच-3 (LQMH-3).
  • रागी – सीएफएमवी-1 (CFMV-1), सीएफएमवी-2 (CFMV-2) किस्में जारी की.
  • सावा– सीएलएवी-1 (CLMV-1).
  • सरसों– पीएम-32 (PM-32) किस्म जारी की.
  • मूंगफली– गिरनार-4 (Girnar-4), गिरनार-5 (Girnar-5) किस्में.
  • रतालू– डीए-340 (DA-340) एवं श्रीनीलिमा (Srin Neelima).

 

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