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गन्ने के मूल्य में की गई 5 रुपये की वृद्धि

 

गन्ने का लाभाकरी मूल्य FRP 2021-22

 

केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष गन्ने का मूल्य तय करती है, जिसको उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) कहते हैं |

1966 से ही देश में गन्ने का मूल्य केंद्र सरकार के द्वारा घोषित किया जाता है |

प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने देश के किसानों के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य तय कर दिया है |

सरकार ने गन्ने के मूल्य में वृद्धि करने के बाद बताया है कि किसानों को लागत का 87.1 प्रतिशत अधिक दिया जा रहा है |

सरकार के अनुसार देश में गन्ने के औसतन उत्पादन लागत 155 रूपये प्रति क्विंटल है |

 

गन्ने के लाभकारी मूल्य FRP में की गई वृद्धि

वर्ष 2021–22 के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने के मूल्य में 5 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है |

जिसके चलते वर्ष 2021–22 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 290 रूपये प्रति क्विंटल हो गया है |

पिछले वर्ष गन्ने के मूल्य में 10 रूपये प्रति क्विंटल वृद्धि की गई थी |

 

केंद्र द्वारा घोषित उचित एवं लाभकारी मूल्य देश के सभी राज्यों में लागू नहीं होता है |

बल्कि अलग–अलग राज्य सरकारें अपने राज्य के किसानों की स्थिति के अनुसार अलग से गन्ने का मूल्य तय करती है | इसे स्टेट एडवायजरी प्राइस (एसपी) कहा जाता है |

राज्यों के द्वारा जो एसपी तय किया जाता है वह केंद्र के द्वारा घोषित उचित एवं लाभकारी मूल्य से ज्यादा होता है |

 

जैसे पिछले वर्ष गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 285 रूपये प्रति क्विंटल था जबकि उतर प्रदेश सरकार ने गन्ने का एसपी 315 रूपये प्रति क्विंटल घोषित किया था |

 

देश में अभी तक किसानों को नहीं हो पाया है बकाया राशि का भुगतान

एक तरफ गन्ने के मूल्य में मामूली वृद्धि की जा रही है तो दूसरी तरफ किसानों को बकाया का भुगतान नहीं हो पा रहा है |

जिसके चलते किसान लगातार कर्ज में जा रहे हैं |

वर्तमान चीनी सीजन 2020–21 में 91,000 करोड़ रूपये मूल्य के करीब 2,976 लाख टन गन्ने का भुगतान करना है |

इसमें से 86,238 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है |

 

पिछले चीनी सीजन 2019–20 में लगभग 75,845 करोड़ रूपये का गन्ना बकाया देय था, जिसमें से 75,703 करोड़ रूपये का भुगतान कर दिया गया है लेकिन अभी भी 142 करोड़ रूपये का बकाया है |

 

भारत चीनी का कितना निर्यात करता है ?

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि भारत वर्ष 2017–18, 2018–19 तथा 2019–20 में लगभग 6.2 लाख मीट्रिक टन, 38 लाख मीट्रिक टन तथा 59.60 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किया है |

चालु वित्त वर्ष में भारत का लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात का लक्ष्य है |

 

देश में कितना गन्ना का उत्पादन होता है ?

भारत ब्राजील के बाद सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है | देश में प्रत्येक वर्ष लगभग 400 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन होता है |

ज्यादातर गन्ने को किसान चीनी मीलों को देते हैं जिससे चीनी तथा एथानाल बनाया जाता है |

वर्ष 2019 के अनुसार देश भर में 746 चीनी मिलें हैं |

जिनमें सहकारी में 324, सार्वजनिक क्षेत्र में 44 तथा निजी क्षेत्र में 378 है | जिनमें से 529 चीनी मिलें अभी भी चल रही हैं |

 

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