केंद्र सरकार ने कुसुम योजना को विस्तार देते हुए इससे कुल 30,800 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है।
इस योजना पर सरकार की 34035 करोड़ रूपये की लागत आएबी। योजना के तहत अगले दो वित्त वर्षों में कुल 35 लाख किसानों को सौलर चालित पंप स्थापित करने की सुविधा दी जाएगी। इस योजना से देश डीजल-चालित सिंचाई पंपों से मुक्ति मिलेगी और किसानों को अतिरिक्त धन अर्जित करने का भी मौका मिलेगा।
कुुसुम योजना के तहत सोलर ऊर्जा से सिंचाई पंप चलाने वाले किसान अपनी अतिरिक्त बिजली वापस राज्यों की वितरण इकाईयों की बेच सकेंगे और अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे। वैसे यह योजना मार्च, 2019 में ही लागू की गई थी। लेकिन केंद्र सरकार के तहत नवीन ऊर्जा मंत्रालय ने इसका विस्तार कर वित्त वर्ष 2022-23 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
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नवीन ऊर्जा मंत्रालय की सूचना के मुताबिक पहले चरण में किसानों को दो मेगावाट तक बिजली बनाने वाले सोलर प्लांट लगाने में मदद की जाएगी। इससे कुल 10,000 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा गया है और केंद्र सरकार की तरफ से 3325 करोड़ रूपये की मदद दी जाएगी। दूसरे चरण में 20 लाख सोलर-चालित पंप लगाए जाएंगे जिससे 9600 मेगावाट बिजली बनेगी। तीसरे चरण में 15 लाख सोलर पंप लगाए जाएंगे।
केंद्र सरकार का माना है कि कुसुम योजना किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकती है।
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