देश में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं, इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएँ शुरू की गई है।
इस कड़ी में अब सरकार ने दलहन एवं मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए नई पहल शुरू की है।
इसमें सरकार किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP या उससे अधिक दाम पर दलहन फसल ख़ासकर तूर दाल के साथ ही मक्का की खरीद करेगी।
इसके लिए सरकार ने किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए पोर्टल शुरू किया है।
किसानों से मक्का की सीधी खरीद के लिये शुरू होगा पोर्टल
सरकार ने 4 जनवरी के दिन आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम में ई–समृद्धि पोर्टल शुरू किया है।
गुरुवार के दिन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में तूर दाल उत्पादक एवं मक्का उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (NCCF) द्वारा विकसित पोर्टल का लोकार्पण किया।
पोर्टल पर मक्का किसानों के लिए जल्द पंजीयन शुरू किए जाएँगे।
मक्का के खेत बनेंगे इथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्री
देश में सरकार ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा है और 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने लिए लाखों टन इथेनॉल के उत्पादन की आवश्यकता होगी।
अभी पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक का इथेनॉल मिलाया जा रहा है जो गन्ने से प्राप्त हो रहा है।
ऐसे में सरकार इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए मक्के का उपयोग करने वाली है, जिससे मक्का किसानों को सीधे फायदा होगा।
केंद्रीय कृषि एवं सहकारिता मंत्री ने कहा
नाफेड और एनसीसीएफ तूर खरीदी के पैटर्न पर आने वाले दिनों में मक्के का रजिस्ट्रेशन चालू करने वाली है,
जो किसान मक्का बोएगा, उसके लिए हम सीधा इथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्री के साथ एमएसपी पर मक्का बेचने की व्यवस्था कर दी जाएगी, जिससे उनका कोई शोषण नहीं होगा और पैसा सीधा उनके बैंक अकाउंट में जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे किसानों का खेत मक्का उगाने वाला नहीं बल्कि पेट्रोल बनाने वाला कुआँ बन जाएगा।
सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि देश के पेट्रोल के लिए इम्पोर्ट की फॉरेन करेंसी को बचाने का काम देश के किसानों को करना चाहिए।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि वे देशभर के किसानों से अपील करना चाहते हैं कि हम दलहन के क्षेत्र आत्मनिर्भर बनें और पोषण अभियान को भी आगे बढ़ायें।
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