इस तेल का इस्तेमाल औषधीय दवाएं, साबुन, इत्र और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है.
पहले इस फसल की खेती विदेशों में ज्यादा होती थी, फिलहाल भारत में भी इसकी खेती अब ठीक-ठाक पैमाने पर की जाने लगी है.
जिरेनियम की खेती के लिए कम पानी वाली जगह उपयुक्त होती है.
कम पैसों में शुरू कर सकते हैं इसकी खेती
देश में सुंगधित पौधों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
यह सब एरोमा मिशन के तहत किया जा रहा है. इसी तरह का पौधा जिरेनियम भी है.
इस पौधे के तेल का इस्तेमाल औषधीय दवाएं, साबुन, इत्र और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है.
इसका तेल बाजार में अच्छी कीमत पर बिकता है.
कहीं भी कर सकते हैं इसकी खेती
जिरेनियम पौधे को कहीं पर भी उगाया जा सकता है.
हालांकि बलुई दोमट मिट्टी जिसका PH मान 5.5 से 7.5 तक हो, वह इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
जिरेनियम की बुवाई से पहले खेत की अच्छी तरह जुताई कर लें. खेत में जलनिकासी की व्यवस्था करें.
कम पैसे में होती है इसकी खेती
जिरेनियम के पौधे को आप केंद्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान से खरीद कर अपने खेतों में लगा सकते हैं.
इसे किसी भी परिस्थिति में उगाया जा सकता है. साथ ही इसको सिंचाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है.
ऐसे में इसकी खेती कम पैसे में भी की जा सकती है.
लघू और सीमांत किसानों के लिए जिरेनियम की खेती बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है.
इसकी खेती कर किसान कम पैसे में आसानी से अपना मुनाफा बढ़ा सकता है.
4 से 5 साल लगातार लाखों का मुनाफा
बता दें कि जिरेनियम की फसल लगाने के लिए 1 लाख रुपये का खर्च आता है.
हालांकि, इसका तेल काफी महंगा बिकता है. इसके तेल की कीमत बाजार में 20 हजार रुपये प्रति लीटर तक है.
इसके पौधे 4 से 5 साल तक उत्पादन देते हैं तो आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
ऐसे में आप लगातार 4 से 5 सालों तक लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
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