मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को सभी संभागों के जिलों में कही कहीं बारिश के साथ बिजली चमकने/गिरने की संभावना जताई है।
जुलाई का आधा महिना बीत चुका है और मानसून की बेरुखी के कारण उमस और गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है, हालांकि मध्य प्रदेश में अब अच्छी बारिश का इंतजार खत्म होने वाला है।
अगले 2-4 दिनों में बंगाल की खाड़ी में नया सिस्टम के बनने की उम्मीद है, जिसके चलते एक बार फिर प्रदेश में झमाझम का दौर शुरु होने के आसार है।
शुक्रवार को जबलपुर सहित पूर्वी मध्यप्रदेश में बूंदाबादी और 17 जुलाई के बाद तेज बौछारों की संभावना जताई है ।
मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को सभी संभागों के जिलों में कही कहीं बारिश के साथ बिजली (Rain) चमकने/गिरने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, वर्तमान में कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिसके चलते पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पा रही है और मानसून एक्टिव नहीं हो पा रहा है, यही कारण है कि रुक रुक कर बारिश हो रही है।
हालांकि 20 जुलाई के आसपास एक नया सिस्टम सक्रिय होने की प्रबल संभावना है, इससे अच्छी बारिश की उम्मीद जताई जा रही है।
19 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने जा रहा है।हालांकि गुजरात-राजस्थान में एक्टिव मानसून से मालवा-निमाड़ में हल्की बारिश होती रहेगी संभावना जताई जा रही है कि जुलाई में रुठा मानसून अगस्त में प्रदेश को तरबतर कर सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, आज शुक्रवार 16 जुलाई 2021 को सभी संभागों इंदौर, रीवा, उज्जैन, शहडोल, जबलपुर, होशंगाबाद, भोपाल, सागर, ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में कहीं कहीं बौछारें पड़ने की संभावना हैं।
वही भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन संभाग के साथ रीवा, सतना, डिंडौरी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, सागर और छतरपुर जिलों में बिजली चमकने और गिरने के साथ 16 प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने के भी आसार है।इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
सूखे का खतरा मंडरा सकता है
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, MP में सिर्फ 8 जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है। वहीं, 8 जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा 50% से भी कम है।
इसके अलावा अब भी कई ऐसे जिले हैं, जहां औसत से आधी बारिश भी नहीं हुई है। इस साल ज्यादा बारिश के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग के साथ मालवा -निमाड़ को भी बारिश का इंतजार है।
प्रदेश के 26 जिलों में वर्षा की जबरदस्त दरकार है, अगर अगस्त में यह कोटा पूरा नहीं हुआ तो सूखे का खतरा मंडरा सकता है वही किसानों की चिंता भी बढ़ सकती है और फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है।
यह भी पढ़े : आपके किसान क्रेडिट कार्ड से जुड़ा जरूरी नियम
यह भी पढ़े : कटहल की खेती से कमाएं लाखों
शेयर करे