जॉन डियर ने बनाया ऑटोनोमस ट्रैक्टर
दुनिया की जानी मानी कंपनी जॉन डियर ने हाल ही में विदेश में अपना स्वयं चलने वाला ऑटोनोमस ट्रैक्टर प्रदर्शित किया है।
अभी इसे बाजार में नहीं उतारा गया है। कंपनी की ओर से इस ट्रैक्टर की जो विशेषताएं बताई जा रही हैं।
इसमें बताया गया है कि ये ट्रैक्टर खेत की जुताई और बीज बुवाई का काम बिना किसी व्यक्ति की सहायता से पूरा करने में समक्ष हैं।
इतना ही नहीं इसे किसी भी उबड़-खाबड़ रास्ते पर उतार दिया जाए तो भी ये अपना रास्ता स्वयं बना सकता है।
इसे कोई निर्देश देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ये स्वयं अपनी राह बना लेता है।
यदि ऐसा है तो ये ट्रैक्टर वाकई किसानों के लिए आधुनिक खेती के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पिछले दिनों इस ट्रैक्टर को अमेरिका के लॉस वेगास में आयोजित कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक शो में प्रदर्शित किया गया है।
हालांकि अभी इसको डेमो के तौर पर विदेश में प्रदर्शित किया गया है। वहां सफल परीक्षण के बाद इसे बाजार में उतारा जाएगा।
भविष्य में हो सकता है जॉन डियर कंपनी भारत में भी इसे लाए।
क्या है ऑटोनोमस ट्रैक्टर की खासियत / विशेषताएं
कंपनी की ओर से ऑटोनोमस ट्रैक्टर की जो विशेषताएं बताई गई हैं उनमें से कुछ विशेषताएं इस प्रकार से हैं-
- कंपनी ने अपने इस नए ऑटोनोमस ट्रैक्टर का नाम फिलहाल 8आर रखा है।
- यह दुनिया का ऐसा पहला ट्रैक्टर होगा जो स्वयं चलेगा। इसे चलने के लिए व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होगी।
- इतना ही नहीं उसे प्रदेश के गांवों के उबड़ खाबड़ किसी भी तरह के रास्ते पर, कहीं पर भी डाल दीजिए ये अपना रास्ता खुद बना लेगा। आसपास की स्थितियों से तालमेल भी बिठा लेता है। इसे बार-बार निर्देश देने की जरूरत भी नहीं पड़ती है।
- यह ट्रैक्टर अपने आप ही निर्धारित क्षेत्र में खेत जोतने और बीजों की बुवाई का काम भी कर लेता है। इस दौरान अगर रास्ते में कोई बाधा आ जाए, तो उसे भी खुद ही हटाकर आगे बढ़ जाता है।
- इस ट्रैक्टर में छह कैमरे लगे हैं और ये कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पर काम करता है।
- किसान इस ट्रैक्टर को अपने स्मार्ट फोन से भी नियंत्रित कर सकते हैं। यानि वे इस ट्रैक्टर को अपने घर में बैठे-बैठे खेत में भेज सकते हैं, या खेत में काम करने के दौरान उसे किसी और काम के लिए बोल सकते हैं या फिर काम छोडक़र उसे वापस बुला सकते हैं।
ऑटोनोमस ट्रैक्टर से होने वाले लाभ
यदि जॉन डियर कंपनी भविष्य में ऑटोनोमस ट्रैक्टर भारत में लांन्च करती है तो यहां की खेती की दशा और दिशा ही बदल जाएगी।
इससे किसानों को काफी लाभ होगा। एक तो कम श्रम की बचत होगी, वहीं कम समय में कार्य पूरा होगा। इससे किसान श्रमिकों की अवश्यकता कम होगी।
वहीं एक ही ट्रैक्टर की सहायता से अधिकांश काम पूरे होने से खेती की लागत में भी कमी लाई जा सकेगी। इससे किसानों को अधिक उत्पादन और अधिक मुनाफा होगा।
जॉन डियर ने ही किया था पहली बार हल का निर्माण
बता दें कि जॉन डियर वही कंपनी है जिसने खेत की जुताई-बुवाई में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर के पीछे लगा लोहे का भारी-भरकम हल सन 1837 में बनाया था।
इस कंपनी ने किसानों के लिए बहुत ही काम की चीज बनाई है।
इसी कड़ी में कंपनी ने एक नया नवाचार करते हुए अपने आप चलने वाला ट्रैक्टर सार्वजनिक किया है। इस नए ऑटोनोमस ट्रैक्टर का नाम अभी 8आर रखा गया है।
ऑटोनोमस ट्रैक्टर कैसे करता है काम
जॉन डियर कंपनी का ऑटोनोमस ट्रैक्टर अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है।
इसमें लगे छह कैमरों के कारण यह अपनी कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल कर खेत में काम करते समय खुद ही रास्ता तय करता चलता है। बस इसे एक बार खेत में छोड़ दो।
यदि बुआई करनी है तो इसमें लगी मशीन में बीज भर दें और निर्देश दें और यदि जुताई करनी है तो जुताई भी अपने आप ही करेगा।
इस ट्रैक्टर की खास बात यह है कि जो भी इसके आगे कोई रुकावट आती है उसे यह ट्रैक्टर खुद हटाकर आगे बढ़ जाता है।
इसके लिए जीपीएस की जरूरत नहीं होगी। इसे किसान अपने स्मार्ट फोन के जरिए कहीं से भी निर्देश दे सकते हैं।
कितनी है ऑटोनोमस ट्रैक्टर कीमत
अमेरिका के लास वेगास में आयोजित कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक शो में प्रदर्शित ऑटोनोमस ट्रैक्टर की कीमत के बारे में भी जॉन डियर कंपनी ने अभी खुलासा नहीं किया है।
वैसे अनुमान है कि इसकी कीमत करीब 8 लाख डॉलर हो सकती है।
इस संबंध में कंपनी के मुख्य तकनीकी अधिकारी जैमी हिंडमैन कहते हैं कि इसे खरीदने के बजाय जरूरत पडऩे पर किसान किराए पर ले सकते हैं। किराया भी मासिक तौर पर चुकाया जा सकेगा।
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