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ये 3 पेड़, इनकी खेती से हो सकती है करोड़ों की कमाई

किसानों के बीच सफेदा, सागवान, गम्हार, महोगनी जैसे पेड़ों की खेती काफी लोकप्रिय है.

ये पेड़ कम लागत और कम देखभाल में बढ़िया मुनाफा दे जाते हैं.

हालांकि, इन पेड़ों की खेती के लिए किसानों को धैर्य बनाए रखना बेहद जरूरी है.

धैर्य नहीं रखने वालें किसानों के लिए इनकी खेती फायदेमंद साबित नहीं होगी.

 

किसानों के लिए मुनाफे की है गारंटी

आय का स्रोत बढ़ाने के लिए किसान अब मुनाफा देने वाली फसलों की तरफ रुख करने लगे हैं.

इसी कड़ी में किसानों के बीच पेड़ों की खेती का चलन भी तेजी से बढ़ा है.

देश के कई राज्यों से ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां किसान महज पेड़ों की खेती से अमीर बन गए हैं.

किसानों के बीच सफेदा, सागवान, गम्हार, महोगनी जैसे पेड़ों की खेती काफी लोकप्रिय है.

ये पेड़ कम लागत और कम देखभाल में बढ़िया मुनाफा दे जाते हैं.

हालांकि, इन पेड़ों की खेती के लिए किसानों के पास धैर्य होना बेहद जरूरी है.

बिना धैर्य वाले किसानों के लिए इनकी खेती फायदेमंद साबित नहीं होगी.

 

सफेदा के पेड़ की खेती

सफेदा की लकड़ियों का उपयोग फर्नीचर, ईंधन तथा कागज का लुगदी बनाने में किया जाता है.

विशेषज्ञों के अनुसार एक हेक्टेयर क्षेत्र में यूकेलिप्टस के 3000 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं.

यह पेड़ केवल 5 सालों में अच्छी तरह से विकास कर लेता है, जिसके बाद इसे काटा जा सकता है.

एक हेक्टेयर में इसकी खेती करने से किसान आराम से 70 लाख से एक करोड़ रुपये तक का मुनाफा कमा सकता है.

 

महोगनी  के पेड़ों की खेती

महोगनी के पेड़ को विकसित होने में 12 साल लग जाते हैं.

इसकी लकड़ियों से लेकर पत्तियां और खाल का उपयोग कई तरह की गंभीर बीमारियों के खिलाफ किया जाता है.

इसकी पत्तियों और बीजों के तेल का इस्तेमाल मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट्स और कीटनाशक बनाने में किया जाता है.

इसके बीज बाजार में एक हजार रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं.

 

सागवान के पेड़ की खेती

सांगवान के पेड़ों की कटाई किसान 12 साल में कर सकते हैं.

1 सागवान का पेड़ एक बार काटने के बाद फिर से बढ़ता है और फिर से काटा जा सकता है.

अगर एक एकड़ में 500 सागवान के पेड़ लगाए जाएं तो 12 सालों बाद इसकी कीमत करोड़ों की हो जाएगी.

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