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लहसुन की खेती से होगी अच्छी कमाई

 

ज्यादा पैदावार के लिए इस तरीके से करें किसानी

 

भारतीय किचन में लहसुन का अलग-अलग रूप में प्रतिदिन इस्तेमाल किया जाता है.

इसी कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है और खेती करने वाले किसान अच्छी आमदनी करते हैं.

 

अपने देश में लहसुन का इस्तेमाल खास तौर पर मसाले के रूप में किया जाता है. वहीं आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होने के कारण लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए भी इसका सेवन करते हैं.

भारतीय किचन में लहसुन का अलग-अलग रूप में प्रतिदिन इस्तेमाल किया जाता है. इसी कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है और खेती करने वाले किसान अच्छी आमदनी करते हैं.

 

दरअसल, लहसुन एक कंद वाली मसाला फसल है. इसमें एल्सिन नामक तत्व पाया जाता है. इसी वजह से लहसुन से एक खास तरह की गंध आती है और इसका स्वाद तीखा होता है.

लहसुन की एक गांठ में कई कलियां पाई जाती हैं. इन्हें साफ कर के कच्चा या पकाकर खाया जाता है.

लहसुन का इस्तेमाल मसाले के साथ ही औषधी के रूप में भी किया जाता है. गले और पेट के रोग से निजात पाने के लिए लोग इसका सेवन करते हैं.

 

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इन रोगों में होता है इस्तेमाल

इसका उपयोग आचार, सब्जी, चटनी और मसाले के रूप में किया जाता है. हाई ब्लड प्रेशर, पेट रोग, पाचन संबंधी समस्या, फेफड़ा संबंधी समस्या, कैंसर, गठिया की बीमारी, नपुंसकता और खून की बीमारी के लिए भी लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है.

यह एंटी बैक्टिरिया तथा एंटी कैंसर गुणों के कारण बीमारियों में प्रयोग में लाया जाता है. आज के समय में लहसुन सिर्फ मसालों तक ही सीमित नहीं रह गया है.

अब प्रोसेसिंग कर पाउडर, पेस्ट और चिप्स सहित तमाम प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे हैं, जिससे किसानों को अधिक लाभ हो रहा है.

 

ऐसे करें खेत की तैयारी

लहसुन की खेती करने के लिए किसान भाई पहले खेत की दो से तीन बार अच्छे से जुताई करा लें. इसके बाद इसमें अच्छी मात्रा में खाद डालें.

एक हेक्टेयर खेत में 100 किलो ग्राम नाइट्रोजन, 50 किलो फास्फोरस, पोटाश और सल्फर का प्रयोग करें.

100 किलो नाइट्रोजन एक ही बार खेत में नहीं डालना है. लगाते समय 35 किलो, लगाने के 30 दिन बाद 35 किलो और 45 दिन बाद 30 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से इस्तेमाल करें.

 

लहसुन लगाने की विधि

खेत तैयार करने और खाद डालने के बाद लहसुन लगाने की बारी आती है. लहसुन लगाते समय कतार से कतार की दूरी 15 सेंटी मीटर रखनी चाहिए.

वहीं पौधे से पौधे की दूरी 10 सेंटी मीटर रखने से पैदावार अच्छी होती है लगाने के बाद ही किसान भाई खर पतवार नियंत्रण करने की व्यवस्था कर दें.

इसके लिए उन्हें खेत में पेंडामेथलिन की 3.5 से 4 मिली दावा की मात्रा को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

 

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