आजकल किसान खेतों में फसल बुवाई की कई नई तकनीकों को अपना रहा है. रबी फसलों की कटाई के बाद किसान इस दिनों कई प्रकार की सब्जियों की खेती करता है, जिसमें वह परंपरागत तरीके को छोड़ नई तकनीकों को अपना सकते हैं. अगर कोई किसान किसी सब्जी की बुवाई करने की सोच रहा है, तो वह फसल की बुवाई स्टेकिंग विधि से कर सकता है. सब्जियों की खेती के लिए स्टेकिंग विधि बहुत सफल साबित होती है. कई किसान इस विधि को अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
स्टेकिंग विधि क्या है?
इस विधि में बांस के सहारे तार और रस्सी का जाल बनाया जाता है. इस पर पौधों की लताएं फैलाई जाती हैं. इस विधि को अपनाकर किसान बैंगन, टमाटर, मिर्च, करेला, लौकी समेत कई अन्य सब्जियों की खेती कर सकता है. कई गांव के किसानों स्टेकिंग विधि से सफलतापूर्वक खेती कर रहे हैं, क्योंकि इस विधि में फसल एकदम सुरक्षित रहती है. इस तरह बाजार में फसलों का दाम भी अच्छा मिलता है
स्टेकिंग विधि को अपनाने का तरीका
- अगर किसान इस विधि से सब्जियों की खेती करना चाहता है, तो सबसे पहले मेड़ के किनारों पर लगभग 10 फीट की दूरी पर 10 फीट ऊंचे बांस के डंडे खड़े कर दें.
- इसके बाद डंडों पर 2-2 फीट की ऊंचाई पर लोहे का तार बांध दें.
- अब पौधों को सुतली की सहायता से तार पर बांध दिया जाता है, ताकि पौधे का विकास ऊपर की ओर बढ़ता रहे.
- इस तरह पौधों की ऊंचाई 8 फीट तक की हो जाती है. इसके सात ही पौधा मज़बूत होकर बेहतर फल देता है.
स्टेकिंग विधि से फायदा
- इस विधि से टमाटर, बैंगन, मिर्च, करेला जैसी फसलों को सड़ने से बचाया जा सकता है, क्योंकि इन फसलों को सहारा देना जरूरी होता है.
- लताएं वाले पौधे फलों के ज्यादा को भार सहन नहीं कर पाते हैं. ऐसे में स्टेकिंग विधि पौधों को सहारा देती है.
- अगर नमी की अवस्था में फल मिट्टी के पास रहेंगे, वह सड़ जाएंगे. ऐसे में यह विधि फलों को सुरक्षित रखती है.
- इस विधि से पौधों को टूटने से रोका जा सकता है.
source: Jagran