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मक्का फसल को फॉल आर्मीवर्म कीट से बचाने के उपाय

कृषि विभाग द्वारा मक्का फसल को फॉल आर्मीवर्म कीट से बचाव हेतु किसानों को सलाह दी गई है।

संयुक्त संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा बताया गया कि कृषक बन्धु सतत् मक्के की फसल की देखरेख करते रहें।

मक्का फसल में फॉल आर्मीवर्म कीट से नुकसान की आशंका रहती है।

फॉल आर्मीवर्म कीट की इल्ली सबसे पहले मुलायम पत्तियों को क्षति पहुँचाती है।

पत्तियों पर कटे – फटे गोल से आयताकार छिद्र बने दिखाई देते हैं।

समय रहते इस किट का नियंत्रण नहीं किया गया तो यह मक्का फसल को 50-60 प्रतिशत तक नुकसान पहुँचाते है।

 

फॉल आर्मीवर्म कीट का प्रकोप यदि कम दिखाई दे रहा है, ऐसे में नियंत्रण हेतु

– 5 प्रतिशत नीम बीज कर्नल सत या एजाडिरेक्टिन 1500 पी.पी.एम.का 5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

– जिन खेतों में संक्रमण 10 प्रतिशत से अधिक है तो बड़े लार्वा के लिये अनुशंसित रसायनिक कीटनाशक स्पाइनटोरम 11.7 प्रतिशत एस.सी. का 0.5 मि.ली. या क्लोरेन्ट्रानिली प्रोएल 18.5 प्रतिशत एस.सी. का 0.4 मि.ली. या थियोमेथोक्जाम 12.6 प्रतिशत लेम्ब्डा साइहेलोथ्रीन 9.5 प्रतिशत जेड.सी. का 0.25 मि.ली. या इमामेक्टिन बेन्जोएट 5 प्रतिशत एस.सी. का 0.6 ग्राम का प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

अधिक जानकारी के लिए अपने स्थानीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी अथवा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों से अवश्य संपर्क करें।

 

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