पिछले साल के मुकाबले कई गुना अधिक पहुंचा आंकड़ा
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 18 अप्रैल 2021 तक 24037.56 करोड़ रुपए के एमएसपी मूल्य पर 121.71 लाख मिट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है.
इस खरीद से कुल 11 लाख 59 हजार 816 किसान लाभांवित हुए हैं.
रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2021-22 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की सरकारी खरीद जोरों पर है।
देश के ज्यादातर राज्यों में अप्रैल के महीने में खरीद प्रक्रिया शुरू हुई। प्रारंभिक दिनों में मंडियों में आवक कम रही, लेकिन अब आवक काफी बढ़ गई है।
पिछले साल के मुकाबले समान अवधि में गेहूं की सरकारी खरीद कई गुना अधिक हो चुकी है।
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पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और गुजरात जैसे तमाम राज्यों में गेहूं की खरीद प्रक्रिया चल रही है।
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 18 अप्रैल 2021 तक 24037.56 करोड़ रुपए के एमएसपी मूल्य पर 121.71 लाख मिट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है. इस खरीद से कुल 11 लाख 59 हजार 816 किसान लाभांवित हुए हैं.
खरीफ के साथ दलहन और तिलहन की खरीद भी जारी
वर्तमान खरीफ विपणन सत्र 2020-21 में धान की खरीद भी इसकी बिक्री वाले राज्यों में सुचारू रूप से जारी है. 18 अप्रैल तक के आंकड़ों के हिसाब से 704.35 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है.
खरीफ विपणन सत्र 2021-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 107.08 लाख टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है.
सरकार की नोडल एजेंसियों के माध्यम से 5 लाख 74 हजार 125 मिट्रिक टन से अधिक मूंग, उड़द, तुअर, चना, मसूर, मूंगफली, सरसों और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है.
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इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और राजस्थान के 3 लाख 65 हजार 65 किसानों को 2016.53 करोड़ रुपए की आय हुई है.
इसी तरह से 5089 मिट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है. इस दौरान 3961 किसानों को लाभांवित करते हुए 18 अप्रैल, 2021 तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपए की अदायगी की गई है.
कपास की बात करें तो 18 लाख 86 हजार 498 किसानों से 26 हजार 719 करोड़ 51 लाख रुपए से अधिक के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की 91 लाख 89 हजार 311 गांठों की खरीद की जा चुकी है.
(सभी आंकड़े 18 अप्रैल, 2021 तक के हैं.)
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