पायल पाटीदार राजगढ़ जिले के एक छोटे से गांव पडालिया की रहने वाली हैं.
किसान पिता ने बेटी को पढ़ा लिखाकर इंजीनियर बनाया, एमबीए कराया.
विवाह के बाद पायल पाटीदार ने पहले इंदौर में प्राइवेट इंजीनियर की नौकरी एवं कपड़े की दुकान की.
हालांकि, कोरोना काल में पायल का रोजगार छिन गया.
अब महीने में कमाती हैं लाखों
पढ़ी-लिखी और इंजीनियरिंग कर चुकी लड़की पशुपालन कर रही है.
गोबर साफ कर रही है, इसकी कल्पना शायद ही कोई करे. मध्य प्रदेश के राजगढ़ की रहने वाली पायल पाटीदार पेशे से इंजीनियर हैं.
कोरोना काल में उनकी नौकरी चली गई. कपड़ों के दुकान का साइड बिजनेस भी लगभग बंद हो गया.
बढ़ते आर्थिक संकट के बीच उन्होंने गाय पालन में हाथ आजमाया.
आज वह अपनी गौशाला में 50 से अधिक गिर गायों के माध्यम से डेयरी फार्मिंग में बढ़िया मुनाफा कमा रही हैं.
हर महीने लाखों का मुनाफा
पायल पाटीदार राजगढ़ जिले के एक छोटे से गांव पडालिया की रहने वाली हैं.
किसान पिता ने बेटी को पढ़ा लिखा इंजीनियर बनाया, एमबीए कराया. विवाह के बाद पायल पाटीदार ने पहले इंदौर में नौकरी की.
कपड़ों के दुकान का साइड बिजनेस चलाया. कोरोना के दौरान नौकरी गई तो कपड़े की दुकान भी बंद हो गई.
तंगहाली के बीच पायल ने 10 गिर गायों के साथ डेयरी फार्म खोला था. धीरे-धीरे इन गायों की संख्या 50 तक पहुंच गई.
अब वह राजगढ़ और शाजापुर में दूध, घी सप्लाई कर हम महीने लाखों का मुनाफा कमा रही हैं.
पायल पाटीदार कहती हैं कोई भी काम छोटा-बड़ा नहीं होता है कोरोना काल में उनका काम पूरी तरह से बंद हो गया.
परिवार का पेट पालना मुश्किल हो गया. इसके चलते मुझे अपने गांव किलोदा आना पड़ा.
इस दौरान उनके मन में गौशाला खोलने का विचार आया.
अब दूध के साथ-साथ घी और गोबर का व्यापार से लाखों का मुनाफा हर महीने कमा रही हूं.
अन्य महिलाओं को भी देना चाहती हैं रोजगार
पायल अब अन्य महिलाओं को भी अपने साथ जोड़ना चाहती हैं.
गाय के गोबर और गोमूत्र से तैयार होने वाले प्रोडक्ट्स को बनाने में सहयोग चाहती हैं.
फिलहाल वह वर्मी कंपोस्ट से लेकर गो-आर्क तक बनाकर मार्केट में सप्लाई कर रही हैं.
सारी लागत को निकालकर वह डेयरी फार्मिंग से हर महीने लाखों का मुनाफा कमा रही हैं.
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