सोयाबीन की कटाई
सोयाबीन की कटाई इस माह के अंतिम सप्ताह से शुरू हो जाएगी, इसके साथ ही किसान सोयाबीन की गहाई तथा भंडारण का काम शुरू कर देंगे|
इस समय देश के अनेक राज्यों में बारिश का दौर लगातार जारी है|
जिससे इसकी गहाई में देर हो सकती है तथा फसल को काफी नुकसान भी हो सकता है|
इसको देखते हुए किसानों को सोयाबीन की कटाई करने से पहले कई प्रकार की सावधानियाँ बरतना होगा|
किसान इस समय करें सोयाबीन की कटाई
ऐसे किसान जिन्होंने सोयाबीन की शीघ्र पकने वाली सोयाबीन की किस्में (जे.एस. 90 – 60), जे.एस. 20–34, एन.आर.सी. 130, जे.एस. 93–05, एन.आर.सी.-138 आदि उगाई गई है|
वे सभी किसान परिपक्व फलियों का रंग जैसे ही बदलना प्रारंभ हो (फिजियोलोजिकल मेचुरिटी), अपनी सुविधानुसार फसल की कटाई करें|
सोयाबीन की फलियों में दाने भरने या परिपक्वता की अवस्था में फसल पर होने वाली लगातार बारिश से सोयाबीन की गुणवत्ता में कमी आ सकती है या फलियों के दाने अंकुरित होने की भी सम्भावना हो सकती है|
अत: किसान सुविधानुसार उचित समय पर फसल की कटाई करें|
जिससे फलियों के चटकने से होने वाले नुकसान या फलियों के अंकुरित होने से बीज की गुणवत्ता में आने वाली कमी से बचा जा सके|
कटी हुयी फसल को धुप में सुखाने के पश्चात् सुविधानुसार गहाई करें|
यदि तुरंत गहाई करना संभव नहीं हो तो कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा कर ढेर लगाये तथा तारपोलिन से ढक कर रखें|
जिससे चटकने से होने वाले नुक्सान से बचा जा सके|
बीज उत्पदान करने के लिए क्या करें
आगामी वर्ष बीज के रूप में उपयोगी सोयाबीन की फसल की गहाई 350 से 400 आर.पी.एम. पर करें|
जिससे बीज की गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ें|
बीज उत्पादन करने वाले किसान लगाई गई किस्म/फसल से फूलों का रंग, पत्तियों का आकर/बनावट या रोये की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर अन्य/मिश्रित किस्म के पौधे निकालकर खेत से निष्कासित करें|
जिससे बीज उत्पादन में अधिकाधिक शुद्धता सुनिश्चित की जा सके|
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