अगर किसान अपने मिट्टी की जांच करवाना चाहते हैं, तो उसे खेत की मिट्टी लेकर जांच केंद्र जाना होगा. मिट्टी की जांच करने के बाद किसान केंद्र से प्रिंटेड रिजल्ट मिल जाएगा.
वहीं, मिट्टी की जांच करने का चार्ज प्रति सैंपल 300 रुपये होगी. इस तरह आप गांव में इस बिजनेस को खोल कर आराम से महीने में 15 से 20 हजार रुपये कमा सकते हैं.
लोगों को लगता है कि गांव में किसान सिर्फ खेती-किसानी ही करते हैं. इसके अलावा वे मुर्गी पालन और पशुपालन से भी कमाई कर लेते हैं.
लेकिन ऐसी बात नहीं है, गांवों के पढ़े-लिखे युवा घर बैठे- बैठे बिजनेस भी कर सकते हैं.
अगर वे चाहें, तो अपने गांव में ही मिट्टी जांच केंद्र खोल सकते हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई होगी.
खास बात यह है कि मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. सरकार इसके लिए सब्सिडी भी दे रही है.
अभी देश के लाखों गांवों में मिट्टी जांच केंद्र नहीं खुले हैं. ऐसे में आपके पास इस बिजनेस में हाथ अजमाने का सुनहरा मौका है.
पौने चार लाख रुपये की सब्सिडी
दरअसल, अमेरिका-यूरोप की तरह भारत में भी किसान वैज्ञानिक विधि से खेती कर रहे हैं. यहां के किसान ट्रैक्टर, ड्रोन और हार्वेस्टर जैसे उपकरणों की मदद से खेती कर रहे हैं.
लेकिन इसके बावजूद भी अधिकांश किसान खेती करने से पहले मिट्टी की जांच नहीं करवाते हैं.
वे अपने खेत में किसी भी फसल की बुवाई कर देते हैं. ऐसे में खेत में पोषक तत्वों की कमी की वजह से कई बार अच्छी पैदावार नहीं होती है.
इससे किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. अगर गांव-गांव मिट्टी जांच केंद्र खुल जाएंगे, तो किसान खेती करने से पहले मिट्टी की जांच आसानी से करवा लेंगे.
सरकार चला रही है योजना
केंद्र सरकार ने मिट्टी जांच केंद्र को बढ़ावा देने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड नाम से एक योजना शुरू की है. इस योजना के तहत सरकार पंचायत स्तर पर मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोलने में मदद करती है.
इस लैब में पंचायत और उसके आस- पास के गांव के खेतों की मिट्टी की जांच की जाती है. खास बात यह है कि मिट्टी जांच केंद्र भी दो तरह के होते हैं.
पहला है इममोवबल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री. यानी आप एक दुकान किराए पर लेकर मिट्टी जांच केंद्र शुरू कर सकते हैं.
यह दुकान आप गांव में भी शुरू कर सकते हैं. वहीं, दूसरा है मोबाइल सॉयल टेस्टिंग लैबोरेट्री. इसके तहत आपको एक गाड़ी खरीदनी पड़ेगी, जिसमें मिट्टी जांच केंद्र के सभी उपकरण रख सकते हैं.
इस गाड़ी से आप गांव-गांव घुमकर मिट्टी की जांच कर सकते हैं और बंपर मुनाफा कमा सकते हैं.
यह भी पढ़े : खेती बाड़ी के लिए नहीं है पैसा तो चिंता न करें, सरकार करेगी मदद
10वीं पास होना अनिवार्य
बड़ी बात यह है कि सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत केवल 18 से 40 साल की उम्र वाले लोग मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोल सकते हैं. साथ ही लाभार्थियों को 10वीं पास होना अनिवार्य है.
इसके अलावा उसे एग्री क्लीनिक और कृषि के बारे में अच्छी नॉलेज होनी चाहिए. सबसे बड़ी बात यह है कि किसान परिवार से होना जरूरी है.
अगर योजना का फायदा उठाते हुए मिनी मिट्टी जांच केंद्र खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अपने जिले के कृषि कार्यालय में जाकर उपनिदेशक या संयुक्त निदेशक से मिलना होगा.
कृषि विभाग में जमा करना होगा
अगर आप चाहें, तो agricoop.nic.in वेबसाइट और soilhealth.dac.gov.in पर भी मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए अधिकारियों से सम्पर्क कर सकते हैं.
साथ ही आप अधिक जानकारी के लिए किसान कॉल सेंटर (1800-180-1551) पर भी कॉल कर सकते हैं.
सबसे पहले कृषि अधिकारी आपको एक फॉर्म भरने के लिए देंगे. फॉर्म के साथ सभी जरूरी दस्तावेज अटैच करके आपको कृषि विभाग में जमा करना होगा.
सरकार देती है सब्सिडी
जानकारी के मुताबिक, पंचायत स्तर की मिट्टी जांच केंद्र खोलने के लिए 5 लाख रुपये की जरूरत होती है.
लेकिन अगर आप सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत मिट्टी जांच केंद्र खोलते हैं, सरकार की तरफ से 75 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी.
यानी सरकार की तरफ से आपको 3.75 लाख रुपये अनुदान में मिलेंगे. आपको अपने जेब से महज 1.25 लाख रुपये खर्च करने पड़ेंगे.
सबसे बड़ी बात यह है कि सॉइल टेस्टिंग लैब खोलने के लिए आपके पास खुद या किराए का पक्का मकान होना चाहिए.
अगर आप चाहें, तो मोबाइल टेस्टिंग वैन में भी लैब खोल सकते हैं.
यह भी पढ़े : मानसून को लेकर IMD का सबसे बड़ा अपडेट, होगी तोबड़तोड़ बारिश